Kavita Jha

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सत मार्ग चलो#लेखनी दैनिक कविता प्रतियोगिता -04-Aug-2022

सत मार्ग चलो (राधे श्यामी छंद)
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छोड़ो झूठ कपट की बातें, सत मार्ग चलो ही हरदम तुम।
माना सत की राह कठिन है, पग-पग मुश्किल में होंगे  गुम।।
कुछ कष्ट मिले जो पलभर का, फिर जीवन सुंदर सा होगा।
यह मानव तन जो पाया है , तुम व्यर्थ न करना यह चोगा।।

सच्चाई की कद्र करें जो, प्रभु भी उनसे खुश रहते हैं।
मन से देश प्रेम में बहकर, वो तो आगे ही बढ़ते हैं।।
खुद की खातिर जीना केवल,ऐसा जीवन भी क्या होता।
जो दूजों का हित भी चाहें, सच से न करें वो समझौता ।।
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कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी
##लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता
04.08.2022

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11 Comments

Seema Priyadarshini sahay

06-Aug-2022 09:27 PM

Nice post 👌👌

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Punam verma

05-Aug-2022 08:45 AM

Nice

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Abhinav ji

05-Aug-2022 07:37 AM

Very nice👍

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